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Wednesday, 7 November 2012

सोचा किसी अपने से बात क


सोचा किसी अपने से बात करूँ,
अपने किसी खास को याद करूँ,,

चाँद की पूजा करके


चाँद की पूजा करके, करती हूँ मैं,
तुम्हारी सलामती की दुआ,,

दिल तो दिल है दिल की


दिल तो दिल है दिल की बातें समझ सको तो बेहतर है
 दुनिया की इस भीड़ में ख़ुद को अलग रखो तो बेहतर है

कभी खामोशी भी

कभी खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है,
 तड़पने क लिए सिर्फ़ यादे रह जाती है..

Tuesday, 6 November 2012

Shairi Likhna Bahut Aasan


Shairi Likhna Bahut Aasan Hai Samjhna Bahut Muskil Hota Hai "Farid",
Dost-O-Ahabab To Raftaar Se Likhte Hain Main Padh Bhi Nahi Pata... New

Na Koi Apna Hai


Na Koi Apna Hai Na Koi Paraya Hai Is Duniyan Main "Farid",
Sab Waqt Ke Mohtaaj Hain Waqt Badlta Rehta Hai Hamesha...