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Tuesday, 6 November 2012

Doston Ki Muhabbat


Doston Ki Muhabbat Hai Ke Main Be-Dard Hoon Aaj "Farid"
Warna Yeh Zamana Mujhko Har Roz Naya Dard Deta Hai ...

Wafa ki woh


Wafa ki woh humko pehchan bata gaya, 
Dil main dard de ke chalta chala gaya... New

Sath Rakhna Hai Agar


Sath Rakhna Hai Agar Kisi Ko Apne Hamesha Ke Liye, 
Naam Umar Rakh Do Umar Ka Sath Ho Jayega "Farid"... 

कभी तलवारों से


कभी तलवारों से लड़ाई नहीं लड़ी जाती है "फरीद",
मैदान ऐ जंग मैं जाने के लिए जिगर चाहिए ... 

Sunday, 29 April 2012

आप आए तो ख़याल-ए-दिल-ए नाशाद आया- साहिर लुधियानवी


आप आए तो ख़याल-ए-दिल-ए नाशाद आया
कितने भूले हुए ज़ख़्मों का पता याद आया

आप के लब पे कभी अपना भी नाम आया था

अब आए या न आए इधर पूछते चलो- साहिर लुधियानवी


अब आए या न आए इधर पूछते चलो
क्या चाहती है उनकी नज़र पूछते चलो

हम से अगर है तर्क-ए-ताल्लुक़ तो क्या हुआ