To Bin Mange Hi Mil Jata Hai "Farid",
Main Aur Ziyada Mangkar Sahrminda Nahin Hona Chahta Hoon ... New
Aik din Khud Hi Door Ho Jayega Dekhna "Farid",
Abhi Isko Maloom Nahin Hai Chahne Wale Kitne Hain... New
ख्वाबों की दुकान से ख़रीदे थे अरमानो के बीज,
सोचा था रोपूँगी एहसास की ज़मीं पे,,
कहा था तुमसे सींच देना , क़द्र के पानी से अपने,
कल जो देखा तो चिटक गयी थी ज़मीं,,
और बीज भी जल से गए हों जैसे,
वो बीज मैं गलत उठा लायी लगता है,,
तुम ने सींचा तो था न.....ठीक से.
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