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Saturday, 21 January 2012



धूप भी प्यार का ही एहसास है
धूप भी प्यार का ही एहसास है,
लगता है जैसे कोई आस पास है।


पहाड़ों का दिल चीर देती है रात,
दिन का होना सुख का एहसास है।

गुलाबी ठंड के साथ ताप जरूरी है,
दर्द ही रौशनी का भी विश्वास है।

अर्श से फर्श पर आना आसान है,
फर्श से अर्श तक जाना ही खास है।

चाँद के चेहरे पर दर्द पसरा है,
रेत का बिस्तर चांदनी का वास है।

यह कहानी भी हमे सदा याद है,
आँखों को आंसुओं की प्यास है।

सीमाएं अपनी जानता हूँ मैं,
जबतक सांस है दिल में आस है।

वो मुझे पूछते हैं मेरा ही वजूद,
प्यार करना ही मेरा इतिहास है।

काम मेरा रुका कभी भी नहीं,
उस पर मुझे इतना विश्वास है।

1 comment:

आपका बहुत बहुत शुक्रिया जल्द ही हम आपको इसका जवाब देंगे ...