Pages

Thursday, 19 April 2012

कहाँ वफा का सिला देते हैं लोग - एस ऍम फरीद "भारती"


(१) कहाँ वफा का सिला देते हैं लोग !
अब तो मोहब्बत की सजा देते हैं लोग !!
पहले सजाते हैं दिलो में चाहतों का ख्वाब !
फिर ऐतबार को आग लगा देते हैं लोग !!
 
(२) कुछ सितारों की चमक नहीं जाती !
कुछ यादों की कसक नहीं जाती....!!
कुछ लोगों से होता हैं ऐसा रिश्ता !
दूर रहकर भी उनकी महक नहीं जाती !!
 
(३) आज हम भी एक नेक काम कर आए !
दिल की वसीयत किसी के नाम कर आए !!
प्यार हैं उनसे ये जानते हैं वो......!
मज़बूरी थी जो झुकी नज़रों से इनकार कर आए !!
 
(४) जिसे याद करके ये दिल रो रहा हैं !
वो मुझे तड़पता देख खुश हो रहा हैं !!
चुरा के आँखों से नींद मेरी.....!
वो रातों को चैन से बेखबर सो रहा हैं !!
 
(५) पलकों पे अपनी बिठाया हैं तुम्हे !
बरी दुवाओ के बाद पाया हैं तुम्हे !!
इतनी आसानी से नहीं मिले हो तुम !
नेशनल जूओलोजिकल पार्क से चुराया हैं तुम्हे !!

एस ऍम फरीद "भारती"

No comments:

Post a Comment

आपका बहुत बहुत शुक्रिया जल्द ही हम आपको इसका जवाब देंगे ...