(१) ताजमहल दर्द की इमारत हैं !
जिसके निचे दफना किसी की मोहब्बत हैं !!
खुदा बन्दों पे करम इतना करना....!
किसी के मोहब्बत को पत्थर में दफन न करना !!
(२) दुनियाँ में कौन हैं हम बेगानों का !
जो थी वो कर गई खून अरमानो का !!
खुशियाँ क्या हैं ये हमें मालुम नहीं !
गमो से भी गहरा नाता हैं हम दीवानों का !!
(३) पत्थरो से प्यार किया नादान थे हम !
गलती हुई क्योंकी इंशान थे हम.....!!
आज जि�h�्हें नज़रे मिलाने में तकलीफ होती हैं !
कभी उसी सख्स की जान थे हम....!!
(४) मेरी चाहत ने उसे ख़ुशी दे दी !
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामौशी दे दी !!
रब से दुवा मांगी मैंने मरने की.....!
उसने भी तड़पने के लिए जिंदगी दे दी !!
(५) बस कर उजरेंगे कभी सोचा न था !
ऐसी दुवा से गुजरेंगे कभी सोचा न था !!
कितना विश्वास था उसके प्यार पे....!
इस तरह धोखा देगी कभी सोचा न था !!
एस ऍम फरीद "भारती"
जिसके निचे दफना किसी की मोहब्बत हैं !!
खुदा बन्दों पे करम इतना करना....!
किसी के मोहब्बत को पत्थर में दफन न करना !!
(२) दुनियाँ में कौन हैं हम बेगानों का !
जो थी वो कर गई खून अरमानो का !!
खुशियाँ क्या हैं ये हमें मालुम नहीं !
गमो से भी गहरा नाता हैं हम दीवानों का !!
(३) पत्थरो से प्यार किया नादान थे हम !
गलती हुई क्योंकी इंशान थे हम.....!!
आज जि�h�्हें नज़रे मिलाने में तकलीफ होती हैं !
कभी उसी सख्स की जान थे हम....!!
(४) मेरी चाहत ने उसे ख़ुशी दे दी !
बदले में उसने मुझे सिर्फ खामौशी दे दी !!
रब से दुवा मांगी मैंने मरने की.....!
उसने भी तड़पने के लिए जिंदगी दे दी !!
(५) बस कर उजरेंगे कभी सोचा न था !
ऐसी दुवा से गुजरेंगे कभी सोचा न था !!
कितना विश्वास था उसके प्यार पे....!
इस तरह धोखा देगी कभी सोचा न था !!
एस ऍम फरीद "भारती"
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