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Thursday, 19 April 2012

जला देंगे अपने दिल को दिये - एस ऍम फरीद "भारती"


(१) जला देंगे अपने दिल  को दिये की तरह !
तेरी जिंदगी में रौशनी लाने के लिए.....!!
सह लेंगे चुभन को पैरों तले....!
तेरी राहों में फूल बिछाने के लिए !! 
 
(२) यादें होती हैं सताने के लिए !
कोई रूठता हैं फिर मनाने के लिए !!
रिश्ता बनाना कोई मुस्किल तो नहीं !
बस जान चली जाती हैं उसे निभाने के लिए !!
 
(३) आँशु आँखों से कभी गिर न पाए !
न दर्द हो तुझे न कभी चोट आए !!
मेरे हिस्से में ज्यादा ख़ुशी तो नहीं !
पर रब करे वो भी तुझे मिल जाए !!
 
(४) जुबान खामौश आँखों में नमी होगी !
यही बस एक दास्ता-ऐ-जिंदगी होगी !!
भरने को तो हर जख्म भर जायेंगे !
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ आपकी कमी होगी !!
 
(५) खुशियों से नाराज़ हैं मेरी जिंदगी !
प्यार की मोहताज़ हैं मेरी जिंदगी...!!
हँस लेते हैं दुसरो को दिखाने के लिए !
वर्ना दर्द की खुली किताब हैं मेरी जिंदगी !!

एस ऍम फरीद "भारती"

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