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Monday, 5 March 2012

"Anjum Rahman"- आ गए ग़म की चट्टानों से निकल कर आंसू


आ गए ग़म की चट्टानों से निकल कर आंसू 
बन गयी दिल पे जमी बर्फ पिघल के आंसू 


ज़ख्म सब अहद ऐ गुज़िश्ता के महक उठते हैं 
तुम से मिलता हूँ तो याद आते हैं कल से आंसू


"Anjum Rahman"

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